चलो एक बार फिर से अजनबी बनजाय...🌹

इन दुनिया में दो ‘पौधे’ ऐसे हैं जो कभी मुरझाते नहीं और अगर जो मुरझा गए तो उसका कोई इलाज नहीं पहला ‘नि:स्वार्थ प्रेम’और दूसरा -‘अटूट विश्वास’.

तन की खूबसूरती एक भ्रम है,
पर सबसे खूबसूरत आपकी वाणी है,
चाहे तो दिल जीत ले,
चाहे तो दिल चीर दे..

जाती, बंधन, समाज, उँच, नीच, अमीर, गरीब,
जब तक ये शब्द जिंदा है, हम आजाद नहीं है..

आसमान में उड़ने वाले जरा ये खबर भी रख....!!
जन्नत पहुँचने का रास्ता मिट्टी से ही गुजरता है....!!

जिन्दगी में दो चीजें ख़ास है एक वक्त और दूसरा प्यार,
वक्त किसी का नहीं होता और प्यार हर किसी से नहीं होता !!

बोल मीठे न होतो हिचकियाँ भी नहीं आती
कीमती मोबाइल पर घंटियाँ भी नहीं आती
घर बड़ा हो या छोटा पर मिठास न हो तो
इन्सान क्या चीटियाँ भी नहीं आती.

ये भी एक दुआ है खुदा से,
किसीका दिल न दुखे मेरी वजह से,
ए खुदा कर दे कुछ एसी इनायत मुझ पे,
की खुशियाँ ही मिले सबको मेरी वजह से !!

मुस्कान" और "मदद"
ये दोनों ऐसे इत्र है जिन्हें
जितना अधिक दूसरो पर
छिड़केंगे उतना ही अधिक
सुगंध आपके अन्दर आयेगी.

‘सब्र’ और ‘सच्चाई’ एक ऐसी सवारी है…..जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती….. ना किसी के कदमो में…और ना किसी की नज़रों में..!!

किसी अच्छे इंसान से कोई गलती हो जाए तो माफ़ कर दो,
क्यूंकि मोती अगर कचरे में गिर जाए तो भी कीमती रहता है.

बोलने का हक़ छिना जा सकता है,
मगर खामोशी का कभी नहीं.

ग़ैरों से पूछती है
तरीका निजात का
अपनों कि साजिशों से
परेशान ज़िन्दगी..

चल रहे है जमाने में रिश्वतो के सिलसिले ........
तुम भी कुछ ले~दे कर, मुझसे मोहब्बत कर लो....

हुनर-ओ-इश्क अब सीख कर आया हूँ………
चलो फिर  खेल दिल का खेल खेलते है….

मोहब्बत भी ,शरारत भी, शराफ़त भी, इबादत भी,
बहोत कुछ करके देखा फ़िर भी हम तेरे न हो पाये......

मुहब्बत शोर है, तो, शोर मत कर
इबादत है अगर, कुछ, और मत कर….
नज़ाकत से, नफ़ासत से, निभाना
ये कच्ची डोर है, तू जोर मत कर …….

इतना,आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ,
शायद तुमने ही .. पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे..

ज़िन्दगी में भागे जा रहे हैं,
कामयाबी की तलाश में...
सुकून से ही दूर जा रहे है,
सुकून की तलाश मे....

लाख करो गुज़ारिशें लाखों दो हवाले,
बदल ही जाते हैं आखिर बदल जाने वाले...

घमंड से अपना सर ऊँचा न करे
जीतने वाले भी अपना गोल्ड मैडल
सिर झुका के हासिल करते है...

......... सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा
एहसास की एहमियत होती है.............

..........गलतफ़हमी आती हैं चली जाती हैं,
सच्चे रिश्ते कभी मिटा नहीं करते..........

फिर वही दिल की गुज़ारिश,
....फिर वही उनका ग़ुरूर…
...फिर वही उनकी शरारत,
.....फिर वही मेरा कुसूर…

मै कहता हूँ....
तुम्हें जब भी जाना हो चले जाना
मै रोकूंगा नहीं....
वो ज़वाब में बस इतना कहती है
जब दिल करे लौटना,मै मिलूंगी यहीं"

उदास हो मन फिर भी..
चेहरे पर मुस्कान रखते हैं..
क्योंकि हम खुद से ज्यादा..
दूसरो का ख्याल रखते है..

दो-चार नहीं मुझको बस एक दिखा दो
वो शख़्स जो बाहर से भी अन्दर की तरह हो.

बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम
चाहे दिखाई ना दे मगर महसूस जरूर होते है...

"हर नजर में मुमकिन नहीं है, बेगुनाह रहना;
वादा ये करें की खुद की नजर में बेदाग रहें....."

*સ્નેહ*

જે માણસ પ્રેમથી,
તમારો હાથ પકડતો હોય,
એને તમારો,
*કાન પકડવાની પણ છૂટ આપજો*.


दुर्लभ हूँ ना इसलिए जल्दी मिलता नहीं हूँ:




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