जो हम सोचते है वह शायद होना नही होता और जो होता है वह सिर्फ ईश्वर की इच्छा के अनुसार ही होता है।
ईश्वर वही होने देता है जो हमारे हीत में हो.
तो हम क्यों वो ना करे जो ईश्वर को प्यारा हो...
नाद ब्रह्म ॐ.
ईश्वर वही होने देता है जो हमारे हीत में हो.
तो हम क्यों वो ना करे जो ईश्वर को प्यारा हो...
नाद ब्रह्म ॐ.
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