वातावरण को कलुषित भी हम ही करते है और शुद्धि के लिए हवन भी हम ही करते है.

क्या जरूरत है बहोत सारे मित्रो की.. बस कुछ गिने चुने हो जो ना हमे गुड मॉर्निंग का मेसेज भेजे या हमारी पोस्ट को लाइक या डिसलाइक करे.. मगर ऐसे मित्र चाहिए जो हमारी आवाज से, आंख में आंखे डाले और नमी देख के कहे कहाँ अटक गए मैं हुँ साथ मे.. आज के जमाने ये  जूठी मायावी दुनिया बस रही है.. ये आगे कहाँ जाएगी. दिखावा कुछ भी नही काम करता सिर्फ और सिर्फ सच्चाई और नेक दिल ही जीवन को अच्छे जीवन को आगे ले जाता है.
आज तो हम खुश है कल भी खुश रहना है ये हमारे हाथ मे हमारी सोच में हमारे कर्म के आधीन है. आज के अच्छे कर्म और सोच आने वाली कल की सुबह को भी अच्छी बनाएगा. कल का कल दिखेंगे ये सोच नही चलती. हिमालय को भी कुछ चढ़ाई के बाद सरल रास्ता रखना पड़ता है तो क्यों न वैसा जीवन को भी बनाये.

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